Thursday, January 14, 2010

संदेशे बटन पर

कनेक्‍शन तारों के क्रिस क्रॉस
नेटवर्क के परिपथ में
धारा के प्रवाह का अहसास दिलाते
और नेट-वर्क (कुल-कार्य 0 )
यही तो इस जंजाल का कमाल है
इतना तामझाम और
सिफर अंजाम
कितनी आसान हो गई है आजकल
संदेशों की आवाजाही
फारवर्ड का क्लिक
कैंची-गोंद और कापी की खिचड़ी -
यांत्रिक और इमपरसनल
तुम मेरी तारीफ करो
मैं तुम्‍हारी ,
तुम मेरी शादी में नाचना
मैं तुम्‍हारी में ,
तुम मुझे मूँगफली बेचना
मैं तुम्‍हें ।
दोनों खुश रहेंगे -
तालियॉं बजाने के लिए
दो हाथ ही काफी हैं
और उनकी गूँज सुनने के लिए
तो फिर एक कान ही काफी हैं ।
आपसी समझ के लिए
सचमुच
ताल-मेल बहुत जरूरी है ।

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