Wednesday, April 29, 2020


दो प्रार्थनायें

I. मन हो जिसका सच्चा

मन हो जिसका सच्चा
विश्‍वास हो जिसका पक्का
ईश्वर उसके साथ ही होता
हर पल उसके साथ ही होता।

1. खुद भूखा रहकर भी जो
   औरों  की भूख मिटाता
   हृदय - सागर उसका
   कभी न खाली होता।
   ईश्वर उसके साथ ही होता
   हर पल उसके साथ ही होता ।

2.  अर्न्तवाणी सुनकर जो
   काज प्रभु का करता
   मुक्त रहे चिंता से
   शांत सदा वो रहता।
   ईश्वर उसके साथ ही होता
   हर पल उसके साथ ही होता ।

3. जीवन रहते ही जो
   मौत का अनुभव करता
   संसार में रहकर भी    
   संसार से दूरी रखता।
   ईश्वर उसके साथ ही होता     
   हर पल उसके साथ ही होता ।

4. अन्याय कहीं भी हो
   कैसा भी हो किसी का
   खुद का दाँव लगाकर
  हिम्मत से जो लड़ता
   ईश्वर उसके साथ ही होता
   हर पल उसके साथ ही होता ।

5. दु:ख और सुख में जो दि
   ध्यान प्रभु का रखता
   दूर रहे दुविधा से
   नहीं व्यापत उसमें जड़ता।
   ईश्वर उसके साथ ही होता
   हर पल उसके साथ ही होता ।


  II. 

सौंप दो प्यारे प्रभु को
सब सरल हो जाएगा
जीना सहज हो जाएगा
मरना सफल हो जायेगा।

1. जिन्दगी की राह में
   ऑंधियां तो आयेंगी
   उसकी ही रहमत से
   हमको हौसला मिल पायेगा।

2. सोचता है हर कोई
   अपने मन की बात हो
   होगा जो मंजूर उसको
   वक्त पर हो जाएगा।

3. मोड़ ले संसार वाले
   नजरें तुमसे जिस घडी
   हो यकीं तो आसरा
   उसका तुम्हें मिल जाएगा।

4. माँगने से मिलता है
   केवल वही जो माँगा था
   कुछ न माँगो तो
   खुदा खुद ही तुम्हें मिल जाएगा।