Thursday, March 24, 2011

नेशनल गेम

कैच हुए
मैच में
सब चिपके टीवी से
सिक्‍स हुआ फिक्‍स ,
वो खेल रहे हैं
हम देख रहे हैं
आज फाइनल है
सब कुछ बंद है :
दफ्तर - दुकान - रिक्‍शे
देशप्रेम का जुनून है,
लोग कह रहे हैं
इंडिया आज जीतेगा
मैं कहता हूँ
भारत आज नहीं जीतेगा
इससे क्‍या मैं
देशद्रोही साबित हो जाता हूँ ?
जो बेहतर खेलेगा वो जीतेगा ,
खेल तो खेल है
जिंदगी भी वही जीतेगा
जो बेहतर जीयेगा ।

Tuesday, March 22, 2011

प्रभु ! आओ हमारी रक्षा करो

गरीब ब्राहृमण सुदामा और
अमीर गोपाल कृष्‍ण
पढ़ते थे
एक ही स्‍कूली- आश्रम में
कृष्‍ण ने रिजर्वेशन नहीं मांगा
वरन मदद की
अपने गरीब दोस्‍त की
उनमें कोई लड़ाई न थी
न ही वो लिखते थे सरनेम
शर्मा-यादव सरीखे,
अगड़े-पिछड़े के चक्‍कर में
अगर मिल जाता आरक्षण
उस वक्‍त
गरीब को
तो आज सारे ब्राहृमण भी
सुदामा रख लेते उपनाम
शर्मा की जगह
क्‍योंकि आज
सरकारी नौकरियां हैं केक
और हिस्‍से का परसेन्‍ट
तय कर रही है
जन्‍म - वंशावली ।

Thursday, March 17, 2011

जागते रहो

देखकर मेरी शक्‍ल
सड़क पर
नहीं पुकारा जाता मुझे
नाम से
हर कोई कहता है:
‘ बहादुर जरा इधर सुनो ‘

सब सोतें हैं
खर्राटे लेते हुए
मैं जागता हूँ
थामे हुए
इक हाथ में डंडा
दूजे में टार्च ।

फक्र है मुझे
अपनी बहादुर कौम पर
करती है जो चौकीदारी
बैंक की , दुकानों की
कॉलोनी और मकानों की ।

बस होती है तकलीफ मुझे
जब बुलाते हैं नेपाली कहकर
मेरे मालिक
इतने सालों तक
खिदमत करने के बावजूद
उनके देश में ,
और करते हैं पहला शक वो
मुझ पर
कोई चोरी हो जाने के बाद !

अब कोई चारा नहीं मेरे पास
सौंपा है दुनिया के रखवाले ने
जिम्‍मा रखवाली का , मुझको
निभाना है उसे खुशी-खुशी
ताउम्र गश्‍त लगाते हुए ।

Tuesday, March 15, 2011

हैबिट

पता है मुझे
सुबह जल्‍दी उठना
फायदेमंद है
सेहत के लिए
पर मैं ऐसा
कर नहीं पाता ,
पता है मुझे
देर रात जागना
नुकसानमंद है
सेहत के लिए
पर टीवी देखना
छोड़ नहीं पाता ।

रोज सोचता हूँ
आज आखिरी दफा है
अगली रात आती है
पिछली बात दुहराती है
पर क्‍या इतना कम है कि
मैं जानता हूँ
दुर्योधन की तरह :
गलत क्‍या है !
सही क्‍या है !

और
महाभारत
को लिए
मन के भीतर
जिये जाता हूँ
इसी उम्‍मीद में :
आदत कभी तो बदलेगी :
शराब पीने की
झूठ कहने की !

Monday, March 14, 2011

धरती कांप उठी

कुदरत ने बरपाया : अजब कहर
मीडिया ने पकड़ ली ताजा खबर
रीयलटी-शो दिखाकर
हादसे का
दूरस्थ लोगों को
संवेदित करने के लिए नहीं
ऑरिजनल वीडियो फोटो
बेचने के लिए ।

होंगीं अब डांस कन्‍सर्ट
करते हुए याद
तबाही के तांडव को ,
चैरिटी फंड
जुटाने के लिए ,
एनजीओ को
सेवा करने का
मौका मिल गया ।

पता चल गए
कम्‍पटीशन की तैयारियों मे
लगे पढाकुओं को
जीके के
कुछ और संभावित सवाल :
रिक्‍टर स्‍केल क्‍या है ?
सुनामी कब आयी थी ?
नक्‍शे से मिट चुके शहर ?
आग में कौन-सी गैस थी ?

सच !
हादसा वही याद रहता है हमें
जिसमें बिछुड़ा हो कोई अपना ।

Thursday, March 10, 2011

जेनरेशन गैप

जब छोटा था वो
उसे चूहों से
बहुत डर लगता था ,
भागते-चीखते हुए
उस नन्‍हें बच्चे को
मै समझाता था :
' कुछ नहीं होगा बेटा '

अब हो गया हे
वह बड़ा
मैं बूढ़ा ,
आज
खडे़ होकर
कम्‍प्‍यूटर के सामने
जब चलाया मैंने
माउस को
तो बेटा चीखा जोर से :
' इस मत छुओ
आप कुछ नहीं समझते
सब बिगड़ जाएगा '


सच ही तो कहा
उस इंजीनियर बेटे ने
यह बेजान और
तकनीकी उपकरण
मेरे जमाने का
मूषक थोड़े ही है
जिससे मुझ जैसे
हिन्‍दी बोलने-लिखने वाले और
डिजिटली-अनपढ़ इंसान को
डरना नहीं चाहिए ।

Wednesday, March 9, 2011

रिश्‍तों का चक्‍कर

मैं चाहता हूँ उसको
जो किसी और को चाहती है
जिसको वह चाहती है
वो किसी और को चाहता है ,
जो मिलता है
वो हमें पसंद नहीं
जो पसंद है
वो हमें मिलता नहीं
और मिल भी जाये अगर
तो पसंद बदल जाती है ,
उम्‍मीदो व खुशफहमियों के
सहारे- किनारे
समझौते करते हुए
तलाश और भटकाव में
जिंदगी यूँ ही गुजर जाती है !

Monday, March 7, 2011

अंत के इंतजार में

मेरी जिंदा लाश को देखकर
तुम्‍हें चाहे होता हो फक्र
अपनी तकनीकी तरक्‍की पर
मुझे तो बेचैनी ही होती है
ड्रिप , सिरिंज और थैलियां देखकर ,
वैसे मै भीष्‍म तो नहीं
न ही तुम भगवान हो
पर त्रिशंकु की तरह
मेरी जिंदगी को मत लटकाओ
इलाज बहुत हो चुका
बस
अब :
मुझे इच्‍छा मृत्‍यु का वर दो :
वेंटीलेटर की बाण-शैय्या से
अपनी मुक्ति के लिए
रिश्‍तेदारों का दर्द
थोड़ा कम करने के लिय
मैं तुमसे भीख मॉंगता हूँ !
वायदा है मेरा
तुम्‍हें नहीं होगा
गलत इस्‍तेमाल वरदान का
नहीं कराऊंगा
मैं यमराज को इंतजार ।