दर्द हुआ मेरे कान में
तो इधर-उधर भागा
जिसने जो नुस्खा बताया
वही अपनाया
उस दौरान लगता था
पूरे शरीर में मानो
कान ही हो सब कुछ।
कितने सारे टैस्ट कराते हैं
हम किसी रोग में
उसकी ठीक वजह
जानने के लिए
पर क्यूँ नहीं सोचते
वैसे ही संजीदगी से
गरीबी-भुखमरी की
खतरनाक बीमारियों के बारे मे
और वंचितों-उपेक्षितों को
सरकारी भीख की
मामूली मल्हमपट्टी लगाकर
टरका देते हैं
सड़क की धूल फाकने के लिए
किस्मत की खाक छानने के लिए।
डॉक्टर भी नही हैं
नर्सें भी नहीं हैं
बेबस रोगी-ही-रोगी दिखते हैं बस
सामाजिक महामारी फैली है चारों ओर
यह कैसा अस्पताल है !
यह कैसा सूरतेहाल है !
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सामाजिक महामारी फैली है चारों ओर
ReplyDeleteयह कैसा अस्पताल है !
----bahut badhiya.
ਵਾਹ ਜੀ .....ਤੁਸੀਂ ਤੇ ਸਾਡੇ ਪਿੰਡ ਦੇ ਹੋ ....ਕਪੂਰਥਲਾ ......!!
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