सरकार के सफेद हाथी
और जनता की चींटियों के
दरम्यान हुआ : इक फुटबाल मैच
हाथी ने बाल्टियां भरकर दाल पी
वह और मोटा हो गया
चींटी को मँहगाई की वजह से
इक चम्मच शक्कर भी
नसीब न हुई
और वह बेचारी दुबली हो गयी.
कॉमन आदमी की वैल्थ
और गरीब मजदूरों के खून से
सजे-सँवरे स्टेडियम मे
टीमों के उतरने से पहले ही
सबने मान लिया था-
जीतेगा तो हाथी ही
पर उन पिद्दी चीटियों ने
औकात सिखा दी
सूँड और कानों में घुसकर
हाथी को नानी याद दिला दी.
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खेल खेल की आड़ में , लूट सके जो लूट
स्टेशन पर रह जायेगा , रेल गई जो छूट
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कॉमन आदमी की वैल्थ
खेलेंगे हम कॉमन वैल्थ.
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शोर मचा है , बजेंगे ढोल
मैच मे हम , करेंगे गोल
दिल्ली की तू जय बोल
आम आदमी होगा गोल.
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जीतेगा भई जीतेगा
ठेकेदार जीतेगा
हारेगा भई हारेगा
कॉमन-मैन हारेगा.
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वाह जसएकला भाई ।
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