Thursday, February 18, 2010

जुर्म कुबूल है !

ऑफीसर क्लब में
मेरे पैरों की चप्‍पले देखकर
टोकने वाले जूते टाईधारी सहकर्मी के बारे में
जब मैंने अष्‍टावक्री टोन मे
“चमार “ कह दिया
तो तुम्‍हें दिक्‍कत हुई
सेठ-अफसर की कोठी में
चल रही दलाली को
समझाने के लिए
मैंने उसे “ रंडी का कोठा “ लिखा
तो उन्‍हें बुरा लगा
और किसी को कुतर्क के लिए
“ बकवास “ कहकर फटकारा
तो मुझे शालीनता अपनाने की
नसीहते मिलीं।
लीडरों की डीलरशिप में
तुम वकील हो
और वो जज
तो फैसला तो हो ही चुका।

2 comments:

  1. लीडरों की डीलरशिप में
    तुम वकील हो
    और वो जज
    तो फैसला तो हो ही चुका। ......
    बहुत बढ़िया!!

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