इंदिरा जी जब गुजरीं
सन चौरासी में
तो लगा झटका
इंडिया को
पर सब संभल गया
जल्द ही
और
देश बढ़िया चल रहा है
इतने बरसों से ।
लोग आते हैं , लोग जाते है
दुनिया चलती रहती है
किसी के चले जाने से
दुनिया नहीं थमती है
फिर भी न जाने क्यूं
लगता है उनको डर
‘ मेरे जाने के बाद क्या होगा ’
उस सरकारी मशीन का
जिसका वह सिर्फ इक पुर्जा थे
और शेल्फ लाइफ गुजरने के बाद
उन्हें आज रिटायर कर दिया गया ।
कब्रिस्तान भरे पड़े हैं
इतिहास रचने वाले लोगों से
जिन्हें हम सलाम तो करते हैं
पर दुनिया का काम तो
आज, हम ही करते है ।
सूरज उगने पर ही मुर्गा बांग देता है
मुर्गे के बांग देने से सूरज नहीं उगता
इंदिरा इंडिया नहीं थी
इंडिया इंदिरा नहीं है ।
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बिल्कुल सही बात ..किसी के न रहने पर भी काम होता ही रहता है ...सटीक अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबिल्कुल सही बात
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