Thursday, February 3, 2011

मत ललचाओ जी !

थाली में जो है
वो तो खा लो
पेट भर जाएगा
काहे हर स्‍टॉल पर
दौड़त- फिरत हो
प्‍लेट ले कर ,
जैसे कोई रिपोर्ट देनी हो
अपने घर जाकर
कैसा बना था
दावत का खाना
या फ्री के डिनर की
पूरी कसर निकालनी है ,
अरे भई !
तनिक सब्र करो
अगडम-बगड़म ठूंस कर
पेट को वेस्‍टबिन मत बनाओ
हाजमे का कुछ तो खयाल रखो ।

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