Monday, May 24, 2010

मैं युधिष्ठिर नहीं हूँ

सबको मरना है किसी रोज
तो क्‍या जीना ही बंद कर दें
एक्‍सीडेंट देखकर सड़कों पर
लोग गाड़ी चलाना ही छोड़ दें
तलाक के मुकदमों से डर कर
शादी का खयाल ही मन से हटा दें
शायद यही बेहतर है लगना
जिजीविषा के लिए-
मेरी मौत नहीं होगी
मेरी टांग नहीं टूटेगी
मेरी गांठ नहीं छूटेगी-
पानी पीने दो
तुम : यक्ष !
या न पीने दो ,
मै तो तुम्‍है यही जवाब दूँगा
सपनों को टूटते हुए देखकर भी
नित नऐ सपने देखना
दुनिया का सबसे बड़ा आश्‍चर्य है
मौत से भी बड़ा।

1 comment:

  1. waah jhakjhorne wali aur kuch sochne ko majboor karne waali rachna...

    ReplyDelete