जमीन तो बनी थी
लोगों के रहने के लिए
हड़प कर जमींदारों ने
उसके दाम बढ़ा दिए
राजाओं ने महल बनाये
राजपुरोहित नियुक्त किये
मंदिर और मस्जिद बनवाये
पंडित , ज्ञानी और मौलवी
बहुत ताकतवर हो गये
वे सियासत करने लगे
तोडने और बांटने की ,
जमीन के इस टुकड़े की
दास्तान भी कुछ ऐसी ही है
खींचकर लक्ष्मण-रेखा कोर्ट ने
घोषित कर दिया उसे
विवादित स्थल
वक्त गुजरता जा रहा है
अर्थ हावी है घर्म पर
लगता है अब
कोई बाहरी ताकत ही
पहेली सुलझा पायेगी
विदेशी निवेश की खातिर
खुदाई के लिये
प्रापर्टी ट्रांसफर करवाकर
कोई मल्टीनेशनल कम्पनी
सरयू के पानी को
रामामृत बनाकर बिकवायेगी ।
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