Tuesday, April 23, 2013

प्राइवेट बात











दो- तीन महीनों के बाद भी
वाजिब तनख्‍वाह नहीं देते
फैक्‍टरी के कर्मचारियों को
प्राइवेट लिमिटेड के मालिक
खुद सरकारी कंपनियों से  
पेमेंट एडवांस में चाहते हैं
टैक्‍स की चोरी फर्जी रसीदें
सबको वे जमकर लूटते है
लागत और कीमत का है
उनके यहों नहीं कोई रिश्‍ता
बेहिसाब वे मुनाफा कमाते
निजी धंधे का हवाला देकर  
कुछ भी पूछो नहीं हैं बताते
भरते टेंडर सब मिलजुल कर
कम्‍पटीशन को साफ झुठलाकर
सरकार का मजाक उड़ाते
मौज मनाते सबको नचाते ।  
    

Tuesday, April 16, 2013

बाजार के बच्‍चे















कल मैं गया घूमने
सब्‍जी वाले गेट पर
वहां ढेर सारे बच्‍चे थे
अपने माता-पिता की
खूब मदद करते हुये
आलू बेच रहे थे
चिल्‍ला-चिल्‍ला कर :  
ले लो 5 के किलो -
वो स्‍कूल नहीं जाते
पर हिसाब लगा लेते है
उनसे ज्‍यादा जल्‍दी
जो पोटाटो कहते हैं
आलू को इतराकर
पर वो जानते है
आलू से ही बनते हैं
अंकल चिप्‍स
जिन्‍हें खाने का
सपने में भी नहीं
देख या सोच सकते
आलू बेचने वाले बच्‍चे  
 

Friday, April 12, 2013

सर की कार , सर पर सवार

मदमस्‍त हथिनी जैसी
झूम-झूम कर चलती है
नशे में धुत्‍त और चूर
ताकतवर की सत्‍ता
परवाह नहीं करती है
सड़क की - लोगों की
कुचलती ही रहेगी  वो
खिलाफती आवाजों को
जरूरी लगा उसको तो
भून डालेगी इंसानों को
बंदूक की गोलियों से
छोटे-बड़े जलियांवालाबाग
बनते ही रहेंगें घरती पर
सत्‍ता चाहे कोई हो
किसी भी रंगरूप की
किसी भी देशभूप की ,
हाथ में बैशाखी लेकर तो
आम आदमी ही चलेगा
राजाओं को पालकी में
बैठाकर खींचते हुये
शायद इसीलिये
कुरसी के नशे का
मजा लेने के लिये
चलती रहती है
सांठगांठ और जोड़तोड़
हर इलेक्‍शन में
चाहे वह गुरूद्वारे का हो
मोहल्‍ले की सोसाइटी का
सरकारी यूनियन का
गांव की पंचायत का
या फिर महासंसद का !




Friday, April 5, 2013

No to no















जहां नो-ऐन्‍ट्री का बड़ा बोर्ड लगा होता है
अक्‍सर वहीं से सब  प्‍लेटफार्म में घुसते है
मोटे लाल अक्षरों में नो-स्‍मोकिंग लिखा है
वहीं सिगरेट के धुंये से छल्‍ले उड़ाये जाते हैं  
मूतते थूकते है बेझिझक चलते हुये रोड पर
सुलभ शौचालाय पास बने होने के बावजूद
कानून बनाने वाले भी खुश है ताकत पाकर
पकड़ ले किसी को या बख्‍श दें कुछ लेदेकर
थियेटर- मीटिंग में बजते ही रहेंगे मोबाइल
अनुरोध व आदेश चाहे जितना भी कर लो 
वर्जनाओं को तोडने में मजा आता है सबको
आदम ने फल चखकर आदत जो डाल दी है  
नो-पार्किंग में वीआईपी की गाड़ी ही होती है ।