Monday, March 7, 2011

अंत के इंतजार में

मेरी जिंदा लाश को देखकर
तुम्‍हें चाहे होता हो फक्र
अपनी तकनीकी तरक्‍की पर
मुझे तो बेचैनी ही होती है
ड्रिप , सिरिंज और थैलियां देखकर ,
वैसे मै भीष्‍म तो नहीं
न ही तुम भगवान हो
पर त्रिशंकु की तरह
मेरी जिंदगी को मत लटकाओ
इलाज बहुत हो चुका
बस
अब :
मुझे इच्‍छा मृत्‍यु का वर दो :
वेंटीलेटर की बाण-शैय्या से
अपनी मुक्ति के लिए
रिश्‍तेदारों का दर्द
थोड़ा कम करने के लिय
मैं तुमसे भीख मॉंगता हूँ !
वायदा है मेरा
तुम्‍हें नहीं होगा
गलत इस्‍तेमाल वरदान का
नहीं कराऊंगा
मैं यमराज को इंतजार ।

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