Tuesday, March 15, 2011

हैबिट

पता है मुझे
सुबह जल्‍दी उठना
फायदेमंद है
सेहत के लिए
पर मैं ऐसा
कर नहीं पाता ,
पता है मुझे
देर रात जागना
नुकसानमंद है
सेहत के लिए
पर टीवी देखना
छोड़ नहीं पाता ।

रोज सोचता हूँ
आज आखिरी दफा है
अगली रात आती है
पिछली बात दुहराती है
पर क्‍या इतना कम है कि
मैं जानता हूँ
दुर्योधन की तरह :
गलत क्‍या है !
सही क्‍या है !

और
महाभारत
को लिए
मन के भीतर
जिये जाता हूँ
इसी उम्‍मीद में :
आदत कभी तो बदलेगी :
शराब पीने की
झूठ कहने की !

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