Thursday, February 14, 2013

नगरों का नक्‍शा

मैं जा रहा था बस में
दिल्‍ली से मुजफ्फरनगर
मेरठ आने से पहले ही
बीसियों कॉलेज नजर आये
इंजीनियरिंग- मेडीकल के  
फैक्‍टरी काम्‍प्‍लेक्‍स की तरह
किसी शहर में भी जाओ
वो वैसा ही लगता है
जहां से चले थे
उस शहर के लिये ,  
लोगों की भीड़
गाडि़यों का शोर
मल्‍टीस्‍टोरी फ्लैट
विज्ञापन के बड़ेऊंचे बोर्ड
सड़को के ऊपर पुल
सडकों के नीचे पुल ,   
शहर फैलते जा रहे हैं
दैत्‍याकार की शैली में 
गांवों-खेतों को लीलते हुए ।

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