खुल गई पोल
कुश्ती का अखाड़ा
एक - दूजे को पछाड़ा
ये भी गंदे
वे भी गंदे
कर के उन्हें नंगे
हमने सनसनी फैलाई
अपनी फोटो खिंचवाई
कीचड़ उछाला
होगा उजाला
सट्टा लगाकर
सत्ता चलाई
बजाओ ताली
दो सबको गाली
कुछ तो हो रहा है
कोई तो रो रहा है
न बड़ा है न बच्चा
कोई न इससे बचा
खेल ही ऐसा
उलझाये पैसा
कुंआ और खाई
जायें कहां भाई
कैसे लडें , कैसे मरें
आख्रिर हम क्या करें
सब हैं गोलमोल
मनवा ,
तू तो बस
अपनी जय बोल
अपनी जय बोल ।
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