अमीरों का फैशन है
उन्हीं का चोंचला हैं
कितनी बेईमानी है
पर्यावरण पर चर्चा करना
जब हम कूड़ा फेंक देते हैं
पब्लिक सड़क पर
पानी के फव्वारों से सींचते हुए
अपने प्राइवेट लॉन
और सिर्फ मीडिया मे
ग्लोबल गर्मी पर
चर्चाएं पढ़-सुन कर खुद को
उन गंदी बस्तियों के
मजबूर बाशिंदों से
ज्यादा जिम्मेदार समझ लेते हैं
जो खुले में हगते-मूतते है
और जैसा पानी मिल जाए पी जाते हैं ।
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