पार्टीशन - 1
सर की हद
कहां तक है
गला काटकर
बता दिया
जिस्म के
बंटवारों ने
अब कौन
करेगा जुर्रत
जाने की
पैरों से
हद के उस पार ।
दो सगे भाई थे
एक बड़ा खेत था
बंटवारा हो गया
लकीर खिंच गई
कटीले तारों से
चौकसी बढ़ गई
दोनों खेमों की
हिफाजत के लिये ;
कभी- क्भार
गायें और भैंसें
छिल-घिसट कर
घास चरने
चली जातीं थी
हद लांघ कर ;
उनकी ताक में
बैठे शिकारी कुत्ते
अपनी वफादारी
दिखाते-निभाते थे ,
बस यही तरीका
बचा था,
जश्न मनाने का -
उन भाईयों के लिये ।
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