कल मैं गया घूमने
सब्जी वाले गेट पर
वहां ढेर सारे बच्चे थे
अपने माता-पिता की
खूब मदद करते हुये
आलू बेच रहे थे
चिल्ला-चिल्ला कर :
ले लो 5 के किलो -
वो स्कूल नहीं जाते
पर हिसाब लगा लेते है
उनसे ज्यादा जल्दी
जो पोटाटो कहते हैं
आलू को इतराकर
पर वो जानते है
आलू से ही बनते हैं
अंकल चिप्स
जिन्हें खाने का
सपने में भी नहीं
देख या सोच सकते
आलू बेचने वाले बच्चे ।
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