हमारे तीन राष्ट्रीय पर्व हैं -
15 अगस्त, 26 जनवरी व 2 अक्टूबर
पर इन सबसे महत्वपूर्ण है
दीपावली का त्यौहार
जब मिलती हैं
पापा को
ढेर सारी गिफ्ट उनसे
जिनसे उनका रिश्ता है
ऑफिसी और कुर्सीला ,
राम या रावण
कोई भी जीते
अपनी बला से
हमें तो मतलब
सिर्फ मिठाई से ,
इस बार आ गये
कुछ ज्यादा ही डब्बे
अम्मा ने कहा –
जा बेटा
थोड़ा दे आ
उस बुढ्ढे बाबा को भी
जो मांगता रहता है
अल्लाह के नाम पर
उससे जयश्रीराम
जरूर बुलवाना
हो सकता है
राम जी इसी से
खुश हो जायें
हमारी जिंदगी में
रौशनी हो जाये।
सटीक .... उफार भी कुर्सी की खातिर ही दिये जाते हैं ॥
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