Tuesday, November 6, 2012

इरोम चानू शर्मिला को सलाम करते हुए

बैठी है वो अनशन पर
पिछले बारह  सालों से
खिलाफत में
उस काले कानून के
जिसकी आड़ में
दुनिया के सबसे बड़े
लोकतंत्र की सरकार
करा देती है कत्‍ल
स्‍वदेशी सेना से  
अपने ही लोगों का
बहरे कान सिर्फ सुनते ही नहीं
उन पर पर जूं भी नहीं रेंगती
हे बापू ।
उन्‍हें माफ करना
वो नहीं जानते
वो क्‍या कर रहें हैं
वो बेशर्म और चालू हैं
फोटो लगाकर आपकी
बस करेंसी चला रहें हैं
सत्‍य और अहिंसा का
जमकर मजाक उड़ा रहे हैं ,  
एक और विनती है  
हिम्‍मत देना अपनी
इरोम जैसे आम लोगों को
जो संघर्षरत हैं
अंधेरे के खिलाफ
दीप जलाने को
अमन व भाईचारे का ।

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