Sunday, February 20, 2022

Meri nanhi-si khwahish

 मेरी नन्हीं-सी ख़्वाहिश 

मैं रेलवे स्टेशन पहूँचूं तो गाड़ी रुकी मिले। हम जिस गाड़ी का इंतजार कर रहे हों, उसका एनाउंसमेंट  बार-बार हो | वह आकर तब तक रुकी रहे ,जब तक मैं और मेरा सामान पूरी तरह से ठीक-ठाक चढ़ न जाए और मुझे अपनी पसंद की सीट/बर्थ मिल जाए (लोअर/अंदर)। गाड़ी जल्‍दी उस स्‍टेशन के मेन प्‍लेटफार्म पर पहुंचे जहॉं मुझे उतरना है और वहां तब तक खड़ी रहे ( सीढि़यों के सामने ) जब तक मैं पूरी तरह से ठीक-ठाक उतर न जाऊँ। गाड़ी समय से ही पहुँचे और तभी मेरी ऑंख खुले ताकि रात की नींद में खलल न पड़े। कोई स्‍टेशन पर मुझे लेने के लिए गुलदस्‍ता हाथ में लिए खड़ा हो । बाकी मुझे कोई मतलब नहीं किसी से  मैं सेल्फिश नहीं हूँ | आखिर मुसाफिर हूँ , मुझे रहना थोड़े ही है गाड़ी में। 

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