जब वह स्कूल में पढ़ता था
तो रोज उसे डांट पड़ती थी
क्लास में ऊटपटांग सवाल पूछने के लिए
होमवर्क गलत- अधूरा करने के लिए
प्लेग्राउंड में ज्यादा वक्त बरबाद करने के लिए
उसे चेतावनी भी मिली
कम हाजिरी के लिए ,
इतने ना - लायक छात्र का
फोटो सुशोभित है अब
स्कूल के मुख्यद्वार पर
जिसे फांदकर
वह चला गया था
मैच खेलने
इक दोपहर और फिर मुड़कर
उसने कभी नहीं देखा
स्कूल का मुंह
जिसे उस पर है नाज
जो छाया है आज
मीडिया की सुर्खियों में
गोल्फ चैम्पियन बन कर ,
किंतु कहावत आज भी सुनाई देती है
स्कूल के गलियारों में -
” पढ़ोगे लिखागे बनोगे नवाब
खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब “
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