बन गया है बंदा
कागजों का पुलिंदा -
सिमट गई है
उसकी लाइफ
इक फाइल मे -
जिसमें लगे है
सर्टीफिकेट
बर्थ- जाति- करैक्टर-पढ़ाई के ,
पहचान है उसकी
आई - कार्ड, पासबुक और पासपोर्ट
जिन्हें कराना पड़ता है सत्यापित
सरकारी अफसरों से
जिंदा होने के सबूत के तौर पर
खुद की गवाही देने के लिए ,
जरूरी है
डैथ का सर्टीफिकेट भी
फाइल की क्लोजिंग के लिए
पर शुक्र है खुदा का
उसके लिए
खुद नहीं करनी पडती
मशक्कत
इंसान को ।
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