गर्मी के मौसम में
भून रही है वो
भुट्टे आंच पर
आंचल में सिमटे
अपने शिशु को
दूध पिलाते हुए,
करनी पड़ती है उसे
बहुत मशक्कत
क्योंकि
अब हो गए हें कम
देशी भुट्टे खरीदने वाले भी
पैकेट वाले रेडीमेड पॉप-कार्न
और अमरीकी स्वीट-कार्न के
बाजार मे ,
खुद भुन रही है वो
पेट की खातिर
जेठ की तपती दोपहर में ।
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वैसे मुझे लगता है भुटटे बारिश और सर्दियों के दिनों में आते हैं... उनदिनों दोपहर में इतनी धूप नहीं होती... पर हो सकता है उस औरत ने भुटटे स्टोर कर रखे हों। ऑड सीजन में ज्यादा प्राफिट होता होगा...
ReplyDeleteअद्भुत रचना..बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteनीरज
Punjab mein aajkal bhutte khate huai hee yeh rachna likhi. ganne ka Juice ( hhath wali machine ) se nikalne waale bhia kee bhi yehi haalat hai. Profit to Pacaged foods aur Real-juice bechne wale dukandaro ko hai.
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