Friday, April 8, 2011
अन्न - ना
संसद की ओर / जाने वाली सड़क पर / उमड़ पड़ा है / जन-सैलाब / समर्थन में / उसके / जो बैठ गया है / अनशन पर / परिवर्तन की उम्मीद में / उनके खिलाफ / जिनके पास हैं यंत्र / पुलिस और कोर्ट के / चलाने के लिए / लोक का तंत्र , मंत्र जपने से / बात नहीं बनेगी / पर चुप रहने से / क्या बात बनेगी ! इसलिए ही / संघर्ष जारी है और / बढ़ता ही जा रहा है / कारवां / हर दिन / गुजरने के साथ । अब - धुँधली ही सही / सरकार के / ग्रहों की स्थिति / कुछ नजर आ रही है , केंद्र को / परिधि पर बैठे / आम लोगों से / कुछ डर लगने लगा है ।
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सार्थक प्रस्तुति
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