Monday, October 18, 2010

पहेली सुलझ गई

झील के किनारे खड़ा
डूबने की सोचता हुआ
जैसे ही वो थोड़ा नीचे उतरा
इक नन्‍हीं मीन
उसके बड़े पैरों में
उलझ गई
वो नीचे झुका और
मछली को हाथ मे उठाते हुए
दार्शनिक अंदाज में बोला
“ जा ! मैं तुझे जिंदगी बख्‍शता हूँ “
जैसे ही उसने मीन को
हवा में उछाला
जिजीविषा चीख उठी :
मछली जल की रानी है
जीवन उसका पानी है
हाथ लगाओ उर जायंगी
बाहर निकालो मर जायेगी
मन से निराश मैन को
मीन ने फलसफा दिया
सबके जीवन की कुछ खास वजह है
सबके लिए कुदरत में खास जगह है

और वो
मीठी धरती की
कसैली मिट्टी में
खेलने के लिए
फिर ऊपर आ गया।

4 comments:

  1. सबके जीवन की कुछ खास वजह है
    सबके लिए कुदरत में खास जगह है

    -बढ़िया..

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  2. शिक्षाप्रद कविता...

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  3. bahut khoobsurt
    mahnat safal hui
    yu hi likhate raho tumhe padhana acha lagata hai.

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  4. अपनापन छूता है । सप्रेम,

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