Tuesday, June 29, 2010

कोल्‍हू के बैल और बछड़े

बच्‍चों का होम-वर्क
बीबी का हाउस-वर्क
साहब का आफिस-वर्क :
सभी मशीन बने हुए हैं
मोबाइल की क्‍लॉक से चलते
स्‍कूली प्रोजेक्‍ट बनाते
किचन मै और आफिस मै
सब घालमेल है
कैरियर और फैमिली मै
सबकी बनी रेल है।

जुटे हैं परिवार के
सारे लोग
समाज में अपना
कद बढ़ाने में
साथ रोटी नहीं खाते
साथ गप नहीं लड़ाते
हॉं….
देख लेते हैं
सासबहू जैसे सीरियल
साथ-साथ
और कर लेते है
सुबह का योगा
इडियट बॉक्‍स के सामने बैठकर
दिन-भर जिंदगी की
वर्कशाप मे खटने के लिए।

1 comment:

  1. सही चित्रण..अच्छी रचना.

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