Wednesday, October 10, 2012

राष्‍ट्रीय जानवर

लॉमी है स्‍मार्ट
वह चापलूसी कर सकता है
उसके पास मीठी बाते है
बहाने और दलीलें हैं
अंगूर का लालची है
न लपक पाने पर
उन्‍हें खटृटा कहता है 
वह चालाक और शातिर है
शतरंज का खूब माहिर है
आगे की चालों से सतर्क
अपने कागजात ठीक रखता है
फाइल का पूरा पेट भरता है
बढि़या और ज्‍यादा अंग्रेजी लिखकर
सीधी बात को टेढ़ी कर सकता है
गलत को सही बना दिखा सकता है
उसकी नजर बस रोटी पर टिकी रहती है
पेट के लिए वह जमीर  बेच सकता है
उसको अपना काम निकालना आता है
जरूरत के मुताबिक वह
कुछ भी बन सकता है
किसी की खाल ओढ़कर
किसी को भी अपना बना सकता है
टॉमी है -  अलर्ट और वफादार
किंतु वह सिर्फ भौंकता है -  गुर्राता है
कभी - कभार ही काटता हे
इसलिए लॉमी का बोलबाला है
आज समाज में हर तरफ
नौकरी , बिजनेस और पॉलिटिक्‍स मे
सही कहा जॉर्ज ऑरवेल ने  -   
सारे जानवर बराबर हैं
पर कुछ जानवर
औरों से ज्‍यादा बराबर हैं   -  
लोमड़ी किसी देवता का वाहन नहीं
इसलिए यह धर्मनिरपेक्ष भी है
इसे ही होना ही चाहिए
राष्‍टीय और सामाजिक जानवर - 
जो मरे तो भी कहे
लो -  मरो ,   सब मरो   


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