Wednesday, September 26, 2012

दैनिक जीवन में गणित

इस विषय पर
मेरी बेटी को मिले
स्‍कूली प्रोजेक्‍ट की
तैयारी कराते हुए
नजर आये
मुझे कई व्‍यवहारिक उदाहरण
नाप- तोल की जिंदगी के
मसलन 
कब किससे मिलना हे
कितनी देर के लिए
किसको कितने की गिफ्ट देनी हे
कितने पैसे चढाने हैं आरती में
किसका फोन नम्‍बर नोट करना है
कब किसको फोन करना है
किसको नमस्‍ते कहना है
किसको सलाम कहना है
कितना पढ़ना है
कितना सोचना है
कितना काम करना है
कितने परसेन्‍ट ईमानदार रहना है ,
तिगड़म और जुगाड़ में माहिर
हम सीख गए हैं
अंकगणित और समीकरण की
जिंदगी जीना
बहुत समझदार हो गये है
उपयोगिता के मापदंड पर
समय और पैसे का संतुलन
बैठाना जान गए हैं
क्‍या फायदा होगा
कौन काम आयेगा !

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