Wednesday, September 4, 2013

सीख सके तो सीख













कुछ भी नया सीखना मुश्किल होता है

सिखाना तो और भी मुश्किल होता है

पर सीखना तो फिर भी पड़ता ही है

इसी दुनिया में ही आकर सीखते हैं

हम अपने अभ्‍यास और प्रयास से

कोई सीख जाता है जल्दी - कोई देर से

कोई करता है ज्‍यादा गलतियां - कोई कम

पढ-रटकर, अटककर या भटककर

करनी पड़ती है मेहनत सीखने में

मां के पेट से सीख कर कोई भी नहीं आता

सबका हुनर अपना और अलग ही होता है

ढेर सारे गुरू होते हैं किसी की जिंदगी में  

न कोई सब कुछ जानता है - न जान सकता है

न कोई खुद को जगतगुरू कहला सकता है ,  

मुझको भी अभी बहुत कुछ सीखना है 

इसलिये नितनये शिक्षक तलाशता हूं

दत्‍तात्रेय की तरह !  

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