सच के लिए वही मर सकते हैं
सच के लिए वही लड़ सकते हैं
सच के लिए वही अड़ सकते हैं
जो सच बोलते हैं , सच सुनते हैं
जो सच जानते हैं , सच जीते हैं
सत्य के लिए आग्रह तो जरूरी है
पूर्वाग्रहों से मुक्ति भी हमें पानी है
सियासती खेल मत बनाना वरना
प्रदर्शन बन कर रह जाऐगा धरना !
Friday, June 3, 2011
Wednesday, June 1, 2011
सच की तह तक
छीलते हुए
प्याज की परतें
आ जाते हैं
आंखों में आंसू
धुंधलाते हुए उनको
कुछ देर के लिए
फिर पैनी हो जाती है
हमारी नजर
कचरा निकल जाने पर ,
खुद के केंद्र तक
पहुँचने के लिए भी
आवरण की परतों को
धीरे-धीरे ही सही
हटाना जरूरी है ।
प्याज की परतें
आ जाते हैं
आंखों में आंसू
धुंधलाते हुए उनको
कुछ देर के लिए
फिर पैनी हो जाती है
हमारी नजर
कचरा निकल जाने पर ,
खुद के केंद्र तक
पहुँचने के लिए भी
आवरण की परतों को
धीरे-धीरे ही सही
हटाना जरूरी है ।
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